Friday 20 March 2020

Treatment of dyspepsia or acidity with yoga exercises


Treatment & Management of Dyspepsia or acidity with yoga exercises


गैस, अपच, अम्लता के चिकित्सा साथ मै योगा व्यायाम

गैस, अपच, अम्लता के लिये निषेधे या प्रतिबंध :(Prohibition for Dyspepsia , heartburn or acidity, Flatulence, Indigestion problem) :


  • फास्ट फूड, उच्च तेल और मसालेदार भोजन बंद करना होगा।
  • लंबे समय तक खाली पेट न रहें l
  • जीवित खाद्य पदार्थों से बचा जाना चाहिए क्योंकि इससे गैस्ट्रिक होने की संभावना बढ़ जाती है l
  • अमरूद पचाने में मुश्किल होता है, और ऐसे खाद्य पदार्थ जैसे मौसमी जूस, नाशपाती इत्यादि एसिड फल, जूस बहुत हानिकारक होते हैं।
  • वाधागोभी, फूलगोभी, सिम, मूली इत्यादि  सब्जियाँ में गैस अधिक होती हैं। इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थों से दूर रहना जरूरी है l
  • मसूर दाल, जादा सोयाबीन, जादा राजमा, पेकेट का खाना, जादा दूध इत्यादि ऐसे खाद्य पदार्थों से दूर रहना महत्वपूर्ण है।
  • चाय और कॉफी का कम सेवन करना चाहिए l और दूध को बिना उबले हुये नहीं पीना चाहिए
  • जिन लोगों को दूध का बनाया हुया चीज जैसे की पनीर, छाने, दई इत्यादि खाने से गैस होता हैं।  उन्हें इस तरा का खाना अच्छा नही है l
  • मछली के तेल, मछली के अंडे, बीफ, दुबला और समुद्री मछली इस तरह का भोजन पेट  लिए बहुत हानिकारक होता है।
  •  ओवर-द-काउंटर एंटीबायोटिक्स, एंटासिड ड्रग्स और शरीर में एसिड संतुलन, जिससे गैस और एसिड बिल्डअप होता है।
  • जादा  एंटीबायोटिक, एंटासिड ड्रग्स लेने से शरीर में एसिड संतुलन ठीक नही रहता है, बढ़ जाता हैं l इसलिए जितना हो शाखें दवाई कम लेना चाहिए।
  • शराब पीना और धूम्रपान बंद कर देना चाहिए।
  • गैस, अपच, अम्लता या एसिडिटी के कारण और लक्षण के बारे मै पूरा जानकारी के लिये इस लिंक पे क्लिक करे  > Causes & Symptoms of Acidity

Treatment of dyspepsia or acidity with yoga exercises
Treatment of dyspepsia or acidity with yoga exercises

गैस, अपच, अम्लता या एसिडिटी के उपचार और प्रबंधन (Treatment and management of Dyspepsia, heartburn or acidity, Flatulence, Indigestion problem) :


  • सुबह उठने के बाद, आपको खाली पेट पानी पीके अपने पेट को साफ करना चाहिए, और कम से कम चार से पांच लीटर पानी भी दिन में पीना चाहिए l
  • इसके अलावा, इसबगोल, त्रिफला चूर्ण,   आंवला चूर्ण का पानी पीना आवश्यक है l
  • भोजन अच्छी तरह से चबाया जाना चाहिए
  • अन्यथा पाचन क्रिया मै समस्या हो सकती है l
  • बार-बार कम करके खाए, एक साथ ढेर सारा खाना मत खाईये ए फायदेमंद नही होता है।
  • खाने के बाद थोड़ा सा चलना बेहतर होता है,  इस वजह से पाचन का काम अच्छा से होता है और Metabolism मैं मदद मिलता है I
  • खाने के बाद 20 मिनट वज्रासन करने से बहुत अच्छे परिणाम मिलता हैं l
  • अगर खाना खाने के बाद कच्चा पपीता खाया जा सकता है, तो पाचन की समस्या को दूर किया जा सकता है।
  • पपीता से सब्जियां बनाकर खाने से पेट अच्छा रहता है l
  • सप्ताह में तीन या चार दिन तुलसी के पत्ते खाने से अपच दूर होती है और पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली में वृद्धि होती है।
  • सौंफ़ (Anise) का पानी, बेल का शरबत, खट्टे दही या  दही का शरबत पीने से गैस्ट्रिक समस्याओं से राहत मिलती है।
  • फल में केला, गन्ने का रस, खीरा, काला जामुन पेट के लिए उपयोगी होते हैं। ये पेट को ठंडा करते हैं और पाचन में मदद करते हैं।
  • चिंता, मानसिक थकावट से दूर रहें और अच्छी नींद लें l
  • गैस, अपच, अम्लता या एसिडिटी के कारण और लक्षण के बारे मै पूरा जानकारी के लिये इस लिंक पे क्लिक करे  > Causes & Symptoms of Acidity

गैस, अपच, अम्लता या एसिडिटी के  समस्याओं में योग और व्यायाम (Yoga & exercise for Dyspepsia, heartburn or acidity, Flatulence, Indigestion problem) :


  • गैस, अपच, एसिडिटी के समस्याओं में योग की भूमिका अपार है। इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए, योग बहुत महत्वपूर्ण है l और हां, योग शुरू करने से पहले हल्के व्यायाम  (फ्री हैंड एक्सरसाइज) या खाली हाथ व्यायाम करना चाहिए।
  • Sun salutation (Surya namaskar), Pawanmuktasana, biporit karani mudra, sarvangasana, Matsyasana, yoga mudrasana, Sahaj agnisar mudra, Mandukasana, Halasana, padahastasana, Ardha matsyendrasana,  janushirasana, ardha kurmasana. ए सब योगासन चार बार करके करना परेगा l
  • यदि सभी व्यायाम एक साथ करना संभव नहीं है, तो इसे शाम को करना चाहिए या इसे सप्ताह में चार दिन तक विभाजित करना चाहिए। जो लोग इन सभी व्यायाम को बिल्कुल नहीं कर सकते हैं, वो वही करें जो उनको आता है l इसमें कोई समस्या नहीं है।

गैस, अपच, अम्लता या एसिडिटी के  समस्याओं में प्राणायाम (Pranayama for Gastric , heartburn or acidity, Flatulence, Indigestion problem) :


योग की तरह, इन रोग में प्राणायाम की भूमिका असीम है। Anulom vilom pranayama, bhastrika pranayama, bhramari pranayama, kapalbhati pranayama बहुत प्रभावोत्पादक हैं। bhramari pranayama अनिद्रा और तनाव के लिऐ बहुत अच्छी है जो कई समस्याओं को खत्म करता है l सोने से पहले ए करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं l



No comments:

Post a Comment